मध्यप्रदेश की तीर्थ दर्शन योजना कर्जे में, सरकार ने दिखाई पांच ट्रेनों को लाल झंडी

मध्यप्रदेश की तीर्थ दर्शन योजना कर्जे में, सरकार ने दिखाई पांच ट्रेनों को लाल झंडी



भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी तीर्थ दर्शन योजना की पांच ट्रेनों को अचानक लाल झंडी दिखा दी। आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार ने प्रदेश के 14 जिलों से वरिष्ठ नागरिकों को वैष्णो देवी, रामेश्वरम्, तिरुपति, काशी और द्वारका धाम की यात्रा का कार्यक्रम बनाया था, लेकिन दो दिन पहले ही ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया। इससे प्रदेश के वृद्ध तीर्थ यात्रियों भौंचक हैं। शासन पर आईआरसीटीसी की 17 करोड़ रुपए की उधारी भी हो गई है। राज्य सरकार के अध्यात्म विभाग ने भोपाल से 15 फरवरी को वैष्णोदेवी के लिए रवाना होने वाली तीर्थ यात्रियों की विशेष टेन को निरस्त करने का फरमान रेलवे को जारी कर दिया। इसके अलावा इंदौर से काशी-गया जाने वाली और खंडवा बुरहानपुर जिलों के यात्रियों को लेकर द्वारका धाम जाने वाली ट्रेन को भी लाल झंडी दिखा दी गई। ग्वालियर-चंबल संभाग के यात्री रामेश्वरम-मदुरै जाने को तैयार थे। रतलाम से यात्रियों को लेकर वैष्णोदेवी जाने वाली ट्रेन को भी एकाएक निरस्त कर दिया गया। इसकी सूचना अभी तीर्थ यात्रियों को नहीं भेजी गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन पिछले आठ साल से मप्र के तीर्थ यात्रियों को विशेष ट्रेनों से यात्रा करा रहा है।



जुलाई से दिसंबर 2019 तक मप्र से 23 ट्रेनें चलाई गई। इस पर खर्च हुए 17 करोड़ रुपए का भुगतान अभी होना बाकी है। 15 से 26 फरवरी के बीच चलने वाली पांच ट्रेनों पर करीब आठ करोड़ का खर्च अनुमानित था। यात्रियों का चयन और सभी तैयारियां हो चुकी थीं, यहां तक कि संबंधित क्षेत्रों में ट्रेनों के रूट तय हो चुके थे। बसें, होटल और खाने आदि की व्यवस्था भी हो चुकी थी। ट्रेनें निरस्त होने से 14 जिलों के यात्री प्रभावित हुए हैं। वैष्णो देवी, काशी-गया, द्वारका और रामेश्वरम-मदुरै जाने वाली ट्रेनों में भोपाल, उन्जैन, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, नीमच, मंदसौर, रतलाम, हरदा, देवास, ग्वालियर, शिवपुरी और दतिया जिलों के यात्रियों का लॉटरी से चयन किया गया था। बताया जाता है कि हर ट्रेन का निरस्ती शुल्क ही करीब एक लाख रुपए एवं अन्य नुकसान रेलवे को देना होता है।