ग्वालियर मेले में साइंस एक्टिविटी कार्नर एवं विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन

विज्ञान की उपलब्धियों का उपयोग आम आदमी की भलाई के लिए किया जाये - डॉ सतीश सिकरवार


ग्वालियर/ग्वालियर मेले में विज्ञान प्रसार एवं युवा विज्ञान परिषद द्वारा आयोजित साइंस एक्टिविटी कार्नर एवं विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ट समाज सेवी डॉ. सतीश सिंह सिकरवार ने किया। आयोजन की अध्यक्षता रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना के वैज्ञानिक एफ एवं जॉइन्ट डायरेक्टर डॉ डी. सी. गुप्ता ने की। इस अवसर पर पूर्व जन सम्पर्क अधिकारी श्री एस. सी. अरोरा, जीवाजी विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य श्री अनूप अग्रवाल, अचलेश्वर न्यास के उपाध्यक्ष श्री विजय कब्ज, समाज सेवी राजेश जैन, वरिष्ठ पत्रकार सुनील पाठक, नटराज संगीत शिक्षण संस्थान की संचालक सुनीलम चतुर्वेदी, संजय प्रताप सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साइंस एक्टिविटी कार्नर एवं विज्ञान प्रदर्शन का उद्घाटन करते हुए डॉ सतीश सिकरवार ने कहा कि यदि विज्ञान की उपलब्धियों का उपयोग आम आदमी की भलाई के लिए किया जाये तो हम समाज को खुशहाल बना सकते हैं उन्होंने कहा कि आज भी हमारे समाज को शिक्षा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की बहुत जरूरत है ओर विज्ञान का ज्ञान ही इससे मुक्ति दिला सकता है। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे डॉ. डी. सी. गुप्ता ने कहा कि हमारे समाज को वैज्ञानिक दृष्टि कोण की बहुत जरूरत है हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है किन्तु आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने संसाधनों का ठीक से उपयोग करें और खासकर प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करें। श्री एस. सी. अरोरा ने विज्ञान गतिविधि कार्नर को बच्चों एवंज जन सामान्य के लिए उपयोगी बताया उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों को एक प्लेट फार्म मिलता है जहां वह अपनी प्रतिभा का प्रर्दशन कर सकते हैं। परिषद के सचिव सुनील जैन द्वारा बताया गया कि साइंस एक्टिविटी कार्नर एवं विज्ञान प्रदर्शनी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान पर आधारित प्रदर्शनी, जैव विविधता पर आधारित प्रदर्शनी, भारतीय वैज्ञानिकों का विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपयोग पर आधारित प्रदर्शनी के साथ साथ चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या प्रदर्शन, विज्ञान प्रसार की जैव विविधता, खगोलिकीय एवं मौसम पर आधारित किट्स का प्रदर्शन किया गया है। विज्ञान प्रसार द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया है। साथ ही साथ विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी सम्मिलित हो सकते हैं। समारोह का संचालन महेन्द्र शुक्ला द्वारा किया गया। प्रतियोगिताओं का आयोजन जिसमें 1. पोस्टर प्रतियोगिता - पोस्टर प्रतियोगिता विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं के लिए रखी गई है।



दिनांक 18 जनवरी से 26 जनवरी 2020 तक पोस्टर तैयार कर दोपहर 2.00 से 4.00 बजे तक जमा कर सकते हैं। पोस्टर के लिए विषय -प्राथमिक कक्षाओं के लिए - मेरा प्रिय पक्षी, माध्यमिक कक्षाओं के लिए - दैनिक जीवन में विज्ञान, उच्चतर माध्यमिक के लिए - अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदम, महाविद्यालयों के लिए - प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन 2. विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता- दिनांक 16 जनवरी 2020 से 26 जनवरी 2020 तक समय दोपहर 2.00 बजे से दोपहर 3.00 बजे तक विज्ञान मॉडल कभी भी जमा कर सकते हैं। विज्ञान मॉडल निम्न में से किसी एक विषय पर तैयार करना है। विषय - अ. हम और हमारा अंतरिक्ष ब. उर्जा संरक्षण स. जल स्रोतों का संरक्षण 3. चित्रकला प्रतियोगिता - चित्रकला प्रतियोगिता दिनांक दिनांक 22 जनवरी 2020 से 27 जनवरी 2020 को दोपहर 2.00 बजे से 3.00 बजे तक रखी गई है। चित्रकला प्रतियोगिता विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्र/छात्राओं के लिए रखी गई है। प्रतिभागी दी गई दिनांकों में दिये गये समय पर कभी भी पहुंच कर चित्रकला में सम्मिलित हो सकते हैं। विषय - प्राथमिक कक्षाओं के लिए - हमारा शहर स्वच्छ शहर, माध्यमिक कक्षाओं के लिए - स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत, उच्चतर माध्यमिक के लिए - पारंपरिक ज्ञान का सामाजिक विकास में उपयोग, महाविद्यालयों के लिए विषय- वैज्ञानिक दृष्टिकोण द्वारा अंधविश्वासों से मुक्ति 4. विज्ञान प्रश्नोत्तरी - दिनांक 20 जनवरी 2020 से 30 जनवरी 2020 तक प्रतिदिन दोपहर 3.00 बजे से 4.00 बजे तक विज्ञान प्रन्नोत्तरी प्रतियोगिता में कोई भी विधार्थी या जन सामान्य महिला या पुरूष भाग ले सकते हैं। विद्यार्थीयों एवं जन सामान्य के लिए अलग अलग समूह रखा गया है। 5. विज्ञान रंगोली प्रतियोगिता - दिनांक 24 जनवरी 2020 को दोपहर 2.00 बजे से 5.00 बजे तक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता में दो समूह रखे गये हैं समूह अ 15 वर्ष तक की आयु वर्ग के प्रतिभागी समूह ब 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागी के लिए एक समूह रखा गया है। रंगोली के विषय -अ. विज्ञान पर आधारित स्मार्ट सिटी, ब. लोक कलाओं द्वारा विज्ञान संचार ।